आयोडीन की कमी के कारण शारीरिक और मानसिक विकार-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सावे एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि विश्व आयोडीन अल्पता दिवस आयोडीन की खपत के महत्व और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष दुनिया भर में मनाया जाता है । इस दिन को विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
इस दिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) सहित विभिन्न स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन, आयरन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रम, अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड कमेटी मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि अमीनो एसिड के साथ मिलकर आयोडीन थायराइड ग्रंथि को हार्मोन का उत्पादन करने की ताकत देता है। आयोडीन की कमी होने के कारण थायराइड और अनियंत्रित हो जाता है। शारीरिक मानसिक गतिविधियों को अवरुद्ध करता है।घेंघा रोग भी हो सकता है।
तनाव भी हो सकता है।
सीएमओ डॉक्टर नीरज त्यागी के अनुसार आयोडीन शिशु के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयोडीन की कमी होने के कारण पैदा होने वाले शिशु का शारीरिक विकास भी कम हो पाता है। शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करने का कार्य आयोडीन करता है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, डॉ आरके शर्मा, डॉ एच सी राजेंद्र कुमार जैन, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन,
निदेशक डॉ नरेंद्र चौधरी, संरक्षक ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट,आलोक मित्तल एडवोकेट आदि ने कहा कि आयोडीन की कमी होने का कारण शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव के लिए शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक ही प्रयोग करें।
दूध ,दही,केला, स्ट्रॉबेरी आदि फलों के सेवन करने से आयोडीन पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 200 करोड़ लोग अपर्याप्त आयोडीन सेवन से प्रभावित हैं। दुनिया भर में आयोडीन की कमी की पहचान की गई है। यह 130 देशों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है और 74 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। विश्व की एक-तिहाई (33%) आबादी आयोडीन अल्पता विकार के जोखिम से ग्रस्त है। भारत में, 6.1 करोड़ से अधिक लोग स्थानिक घेंघा रोग से पीड़ित हैं और 88 लाख लोग मानसिक/शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ
