कई राज्यों में पशुओं में संक्रमण से फैलने वाली जानलेवा बीमारी लंपी पांव पसार रही है सरकार को 1 सप्ताह में लगभग 3000 शिकायतें प्राप्त हुई – एडवोकेट शिवानी जैन
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने बताया कि महाराष्ट्र, सिक्किम, बंगाल, उत्तराखंड ,मध्य प्रदेश सहित और कई राज्यों में पशुओं में संक्रमण से फैलने वाली जानलेवा बीमारी लंपी फिर से पांव पसार रही है। केंद्र सरकार को 1 सप्ताह में लगभग 3000 शिकायतें प्राप्त हुई है। केंद्रीय पशुपालन आयुक्त श्री अभिजीत मिश्र जी ने कहा कि जहां टीके कम लगे हैं, वहां से शिकायतें अधिक मिल रही है। एक निगरानी समिति बनाई गई है जो कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थितियों का आकलन कर रही है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं जीव दया के सक्रिय सदस्य इं विपिन कुमार जैन ने कहा कि पशुओं में यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है और इसके लिए वह खास माध्यम का सहारा लेता है. अगर कोई पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसके शरीर पर परजीवी कीट, किलनी, मच्छर, मक्खियों से और दूषित जल, दूषित भोजन और लार के संपर्क में आने से यह रोग अन्य पशुओं में भी फैल सकता है।
स्वस्थ पशुओं को अलग रखें।
आमतौर पर लंबी रोग से पीड़ित पशु 2 या 3 हफ्ते में स्वस्थ हो जाता है।
पशुओं का संक्रमण इंसानों में नहीं फैलता है।
विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी की अध्यक्ष डॉ कंचन जैन, सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी अंजू लता जी, मां सरस्वती शिक्षा समिति के संरक्षक एवं जीव दया सदस्य राकेश दक्ष एडवोकेट, ज्ञानेंद्र मित्तल एडवोकेट, शालू सिंह एडवोकेट विमल चौधरी एडवोकेट ने कहा कि
जो पशु संक्रमित हो उसे स्वस्थ पशुओं के झुंड से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले।
कीटनाशक और बिषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट कर दें।
पशुओं के रहने वाले बाड़े की साफ-सफाई रखें।
जिस क्षेत्र में लंपी वायरस का संक्रमण फैला है, उस क्षेत्र में स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए।
किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ
