जीवित पशुओं के निर्यात विधेयक का विरोध-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ एवं जीव दया स०स० शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि इं विपिन कुमार जैन ट्रस्टी भारतीय जैन मिलन फाउंडेशन द्वारा एक ज्ञापन केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय के संयुक्त सचिव महोदय को प्रेषित किया गया है। इसमें जीवित पशुओं को आयात और निर्यात विधेयक 2023 का संगठन की ओर से घोर विरोध किया गया है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति की उपाध्यक्ष एवं जीव दया की स०स०डॉ कंचन जैन ने कहा कि जिंदा पशु, पक्षियों एवं मवेशियों को हेराफेरी कर उनको निर्यात करना संविधान के प्रावधानों एवं भावनाओं के खिलाफ है।
सुनील जैन, प्रशांत जैन, शिवानी जैन एडवोकेट, शकुंतला जैन, भगवा हिंदू युवा वाहिनी की जिलाध्यक्ष अंजू लता जैन, इं आकाश कुमार जैन, इं विपिन कुमार जैन , जीव दया के डॉ नरेंद्र चौधरी एडवोकेट , आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र जी एडवोकेट ने कहा कि दुनिया भर में जीवित पशु पक्षियों को निर्यात करने की प्रथा की आलोचना की जा रही है। और इसे बंद करने की मांग की उठ रही है।
वेबसाइट में दी गई जानकारी में बताया गया है कि आपके मंत्रालय का क्षेत्राधिकार केवल पशुओं के आयात से संबंधित मामलों तक ही सीमित है। निर्यात का मामला डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। निर्यात का मसला आपके अधिकार क्षेत्र में ना आने के कारण संपूर्ण विधेयक की कानूनी वैधता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।
इस विधेयक पर रोष प्रकट करते हुए सभी ने एक स्वर में अपनी आपत्ति दर्ज कराती हो कहा कि हमारे देश की नीति अहिंसा पर आधारित है। प्रस्तावित विधेयक को तत्काल रद्द किया जाए। इसमें संविधान की नीति निर्देश व सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। इसके साथ ही सुझाव और टिप्पणी के लिए जो 10 दिन का समय दिया गया है। वह कम है। आमतौर पर 60 दिन का समय दिया जाता है। इस विधेयक को जल्दबाजी में पास कराना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पशु पक्षी प्रेमियों ने कहां के इस विधेयक से पशुओं के अधिकारों का भी हनन होगा।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ
