“पशुओं पर क्रूरता नहीं, दया भाव रखें – समाजसेवी जैन”

मां सरस्वती शिक्षा समिति एवं श्रीराम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टीट्यूट काउंसलर डॉ कंचन जैन ने कहा कि उन कुत्तों को पकड़ना गलत है जो कमजोर अवस्था में है। केवल पागल और खूंखार कुत्तों को ही पकड़ा जाए। डॉ जैन ने बताया कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया और पीपुल फॉर एनिमल के अध्यक्ष मेनका गांधी जी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि कुत्तों के खाने की व्यवस्था की जाए। यदि वह नहीं कर पा रहे हैं तो वह हमारी संस्था से जुड़ी आशा सिसोदिया की टीम से संपर्क किया जाना चाहिए ।

जीव दया फाउंडेशन की संस्थापक आशा सिसोदिया जी ने बताया कि मेनका गांधी जी ने उन्हें मेल किया था, फोन पर भी बात हुई थी।

शिवानी जैन एडवोकेट ने बताया कि माननीय मेनका गांधी जी के कहने पर ही एएमयू कैंपस में जाकर कुत्तों की वैक्सीनेशन, खाने के लिए एक नियत स्थान के लिए अधिकारियों के साथ बैठक भी की। माननीय जिलाधिकारी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी से कुत्तों के लिए वैक्सीनेशन के लिए अनुरोध किया गया है।

मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक इं विपिन कुमार जैन ने कहा कि कुत्तों के बंध्याकरण व टीकाकरण के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर खुलने का इंतजार नहीं किया जाएगा। बल्कि वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है। बंध्याकरण एवं टीकाकरण गैर सरकारी संस्थाओं से करा कर खर्चा नगर निगम उठायेगा।
श्री जैन ने कहा कि पशु क्रूरता ठीक नहीं है। कुत्तों को मारने की घटनाएं जो प्रकाश में आ रही है। उचित नहीं है।
निर्देशक डॉ नरेंद्र चौधरी एडवोकेट ने कुत्तों को पकड़ने एवं उनका टीकाकरण करके वापस उसी स्थान पर छोड़ने की पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ राजेश वर्मा जी और प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी मनोज प्रभात जी एवं अपर नगर आयुक्त राकेश यादव जी से पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत अपील की।
पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह बताया गया कि शीघ्र ही अस्थाई तौर पर व्यवस्था कर बंध्याकरण एवं टीकाकरण को पूरे शहर में प्रारंभ किया जाएगा।

मां सरस्वती शिक्षा समिति के संरक्षक राकेश दक्ष एडवोकेट ने केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत और पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियमावली, 2021 के अधिक्रमण के बाद दिनांक 10 मार्च, 2023 के जीएसआर 193 ( ई ) के द्वारा पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 अधिसूचित कर दी है। इन नियमावलियों में भारत पशु कल्याण बोर्ड और पीपल फॉर इलिमिनेशन ऑफ स्ट्रे ट्रबल्स के बीच रिट याचिका संख्या 2009 के 691 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों पर ध्यान दिया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न आदेशों में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि कुत्तों को नए स्थान पर बसाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

वर्तमान नियमों के अनुसार, आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम (एबीसी) संबंधित स्थानीय निकायों/नगर पालिकाओं/नगर निगमों तथा पंचायतों द्वारा चलाये जाते हैं। नियमावलियों में इन दिशानिर्देशों का भी प्रावधान किया गया है कि किसी क्षेत्र में कुत्तों को बिना स्थानांतरित किए किस प्रकार मनुष्य और आवारा कुत्तों के बीच के संघर्षों से निपटा जा सकता है।

सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी अंजू लता जी, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट, अनुज कुमार जी, ने जन जन से आवाहन किया कि मानवता के धर्म को निभायें। प्रत्येक जीव के प्रति दया भाव बनाए रखें। पालतू पशुओं के साथ-साथ गलियों एवं सड़कों पर घूमने वाले पशुओं का भी विशेष ध्यान रखें। धरती पर रहने का जितना हक मनुष्य को है उतना ही हक पशु पक्षियों का भी है।
उन्होंने पुनः जानवरों के प्रति क्रूर व्यवहार न करने की अपील की। सरकार भी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जानवरों के प्रति दया भाव रखने के लिए जागरूक कार्यक्रम आयोजित करती है एवं अनेक संस्थाएं इस कार्य को कर रही है।
इं०विपिन कुमार जैन
प्रबंधक
मां सरस्वती शिक्षा समिति

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