वर्ष 2047 तक देश पूरी तरह नशा मुक्त व ड्रग फ्री बन जाएगा – काउंसलर डॉ कंचन जैन
मां सरस्वती शिक्षा समिति एवं श्री राम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टीट्यूट की काउंसलर डॉ कंचन जैन ने माननीय गृहमंत्री अमित शाह एवं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नशा मुक्त भारत बनाने के संकल्प को देश में प्रभावी रूप से सभी देशवासियों को लागू करना होगा एवं सभी राज्य अपनी अपनी जिम्मेदारी निभा कर यह लड़ाई जरूर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह 2047 तक देश पूरी तरह नशा मुक्त व ड्रग फ्री बन जाएगा। डॉ कंचन जैन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कई लक्ष्य तय किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है भारत देश को नशा मुक्त बनाने का।
उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत हम और आप के सहयोग से ही बनेगा। जिससे कि जीवन खुशहाल और आनंद में होगा।
डॉ नरेंद्र चौधरी एडवोकेट निर्देशक ने कहा कि नशे का शिकार युवा वर्ग ही नहीं नहीं छोटे बच्चे भी हो रहे हैं। कुछ तो एक दूसरे को देखकर नशा करते हैं। कुछ फिल्मों में, कुछ टीवी प्रोग्राम में भी इस तरह के दृश्य दिखाये जाते हैं। जिससे कि उनके मन पर यह प्रभाव पड़ता है। नशे को वह फैशन समझता है। उन्होंने कहा कि नशे की आदत मनुष्य के शरीर को खोखला बना देती है। इसलिए हमें नशा नहीं करना चाहिए।
इं विपिन कुमार जैन ट्रस्टी भारतीय जैन मिलन फाउंडेशन ने कहा कि नशे की आदत पड़ जाने पर मनुष्य किसी भी तरीके से, किसी भी कीमत पर नशा करना चाहता है। जब अधिक पैसे की जरूरत पड़ती है तो गलत कदम उठाता है। बीमारियों से भी घिर जाता है। उस व्यक्ति के साथ साथ उसके परिवार की स्थिति भी धीरे-धीरे गिरने लग जाती है। कभी-कभी तो नशे वाले व्यक्ति की हालत बद से बदतर हो जाती है। न ही जी पाता है और ना ही मर पाता है।
एडवोकेट शिवानी जैन ब्लॉक ऑफिसर ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन, एडवोकेट आलोक मित्तल, एडवोकेट ज्ञानेंद्र चौधरी, अंजू लता जी तहसील प्रभारी सार्क फाउंडेशन, राकेश दक्ष एडवोकेट संरक्षक मां सरस्वती शिक्षा समिति ने नशा मुक्त भारत बनाने के लिए कुछ सुझाव एवं उपाय बतलाए।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट ,गुटखा आदि नशीले पदार्थों पर रोक लगनी चाहिए।
टेलीविजन सहित किसी भी प्रचार-प्रसार में मादक पदार्थों के विज्ञापन पर रोक लगनी चाहिए।
नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए सशक्त कानून बनाए जाने चाहिए।
स्कूल ,कॉलेजों ,महाविद्यालय में समय-समय पर डॉक्टरी जांच होती रहे। नशे के शिकार पाई जाने वाले विद्यार्थियों को उचित इलाज कराया जाना चाहिए।
सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में धूम्रपान के लिए सख्त कानून होना चाहिए।
स्कूल कॉलेजों में नशा मुक्त का प्रोग्राम भी होना चाहिए। नशा मुक्त भारत के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर भी लगाई जाना चाहिए।
ग्राम प्रधान को भी नशा मुक्त भारत के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम कराए जाने चाहिए।
उन्होंने आह्वान किया कि जागरूकता के लिए सामाजिक, शैक्षिक और धार्मिक संस्थाओं के साथ साथ मातृशक्ति को भी साथ लेकर चलें।
इ० विपिन कुमार जैन
प्रबंधक
मां सरस्वती शिक्षा समिति
