स्ट्रीट डॉग के प्रति दया भाव रखें, नगर निगम की पहल का स्वागत है-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ और जीव दया की सक्रिय सदस्य शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि भारत में कुत्ते ही नहीं किसी भी स्वस्थ आवारा पशु को मारना भारतीय दंड संहिता के तहत अवैध है। स्ट्रीट डॉग को भी पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में अपने पालतू जानवरों को आप सुरक्षित रख लेते हैं। लेकिन उन मूक जानवरों का क्या जो सड़क पर लाचार घूमते हैं। बरसात के पानी में बिना शेल्टर, शुद्ध भोजन, पानी न मिलने के कारण बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
आप एनजीओ , नगर निगम को सूचना दे सकते हैं।
माननीय जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि स्ट्रीट डॉग को भी सभी नागरिकों को खिलाने पिलाने का अधिकार है लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि समाज के किसी दूसरे सदस्य को परेशानी या असुविधा ना हो या एक स्थान सुनिश्चित कर लें।
मां सरस्वती शिक्षा समिति उपाध्यक्ष डॉ कंचन जैन ने बताया कि जीवो के प्रति दया भाव रखें। जीवन पर सभी का एक समान अधिकार है।
नगर निगम में धौर्रा माफी स्थित जमीन पर जनहित में अस्थाई तौर पर एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर संचालित किया है।
इसमें जहां से भी स्ट्रीट डॉग को लाया जाएगा, बंध्याकरण के पश्चात उसी जगह पर छोड़ा जाएगा। पिजरों के ऊपर उस क्षेत्र का नाम लिख दिया जाता है। इसलिए कोई भी परेशानी नहीं होती। नगर निगम की यह एक अच्छी पहल है।
नगर निगम में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी श्री राजेश कुमार शर्मा जी ने बताया की अलग-अलग क्षेत्र के स्ट्रीट डॉग आपस में मिक्स ना हो इसलिए पिंजरे के ऊपर क्षेत्र का नाम लिख दिया जाता है। ट्रीटमेंट के पश्चात उनके मूल स्थान पर ही छोड़ा जाता है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं जीव दया के सक्रिय सदस्य इं विपिन कुमार जैन, संरक्षक राकेश दक्षा एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट,श्री राम अकाउंट्स एंड लां इंस्टिट्यूट के निर्देशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी अंजू लता जी, इं आकाश जी,
ने नगर निगम की इस ठोस व्यवस्था की सराहना की। सभी ने एक स्वर में कहा कि जानवर हमारी तरह सांस लेते हैं और उनमें भी भावना होती हैं। जानवरों को भी भोजन ,पानी, आश्रय, चिकित्सा देखभाल की उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि मनुष्य के लिए। उन्होंने जन-जन से अपील की पशु पक्षी के लिए भी एक भोजन का हिस्सा खिलाने के लिए रखें। इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली का एक फैसला भी 86 पन्नों का अहम मायने रखता है स्ट्रीट डॉग को भी जीने का अधिकार है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ
