कुत्तों को अपनी जगह से हटाया नहीं जाएगा, उनको कोई भी खाना खिला सकता है- सुप्रीम कोर्ट
मां सरस्वती शिक्षा समिति की उपाध्यक्ष एवं श्रीराम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टिट्यूट काउंसलर डॉ कंचन जैन ने कहा कि पशुओं पर अत्याचार रोकने के लिए यह पहल की गई है। सरकार के इसी अधिनियम के तहत पशु , कुत्ता जन्म नियंत्रण नियमावली 2023 को अधिसूचित किया गया है।
नए नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि कुत्ता को मोहल्ला, गांव में रखने , रहने, उसे आश्रय देने, उसे खाना देने को लेकर कोई भी मना नहीं कर सकता । कुत्ते मोहल्ले अथवा गांव में जहां चाहे रह सकते हैं। किसी भी क्षेत्र से कुत्तों को भगाए नहीं जाएगा। हटाया नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर रोक लगा दी जिसमें उसने कहा था कि लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने समेत उनके संरक्षण और कल्याण में दिलचस्पी रखने वालों को उन्हें गोद लेना चाहिए या उन्हें आश्रय गृहों में रखना चाहिए और उनके रखरखाव के लिए खर्च वहन करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने नागपुर नगर निगम को निर्देश दिया कि वह इस बात के उपाय करे कि आम जनता चिह्नित स्थानों पर लावारिस कुत्तों को खिला सके।
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि आप इस बात पर जोर नहीं दे सकते कि जो लोग उन्हें खाना खिलाना चाहते हैं, उन्हें उन लावारिस कुत्तों को गोद ले लेना चाहिए। पीठ ने साथ ही जनता से यह सुनिश्चित करने को कहा कि लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने से किसी अन्य व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। पीठ ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक हाईकोर्ट के 20 अक्तूबर के आदेश के अनुपालन में कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।
ऑल ह्यूमंस सेब फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने बताया कि
इन दिनों आवारा कुत्ते को मोहल्ले और गांव से भगाने का अभियान चलाया जा रहा है। उसे खाना खिलाने वालों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है। मारपीट हो रही है । हालांकि कई जगहों पर आवारा कुत्ते के द्वारा लोगों पर हमले किए जाने और जान लेने की खबरें भी वायरल हुई है । इसी बीच पशु प्रेमियों के द्वारा आवारा कुत्ते के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष किया गया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेश जारी करते हुए कुत्तों को गांव और मोहल्ले का मूल निवासी होने का अधिकार दिया गया है। इस खबर को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है और पशु प्रेमी के लिए यह अच्छी खबर हो रही है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक इं विपिन कुमार जैन, निर्देशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी एडवोकेट, टीम मोदी सपोर्टर एसोसिएशन की जिला प्रचारक अंजू लता जी, मां सरस्वती शिक्षा समिति के संरक्षक राकेश दक्ष एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट, ने जन-जन से आव्हान किया कि हमें प्रत्येक जीव के प्रति प्रेम दया भाव रखना चाहिए। मानवता का यही धर्म है। प्राचीनकाल में भी देवी-देवता के साथ किसी किसी पशु पक्षी का संबंध होना पशु संरक्षण का प्रतीक है। हमें पालतू पशुओं के साथ लावारिस पशुओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
