जाने चंद्र ग्रहण का समय, कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण, शुभ-अशुभ काल एवं ग्रहण बचाव हेतु करें ये उपाय
इस 8 नवंबर को लगने वाला इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई देगा. भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ ही दिखने लगेगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए यहां सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा, चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लग रहा है. वैसे तो ये ग्रहण दोपहर को 01 बजकर 32 मिनट से लगेगा, लेकिन भारत में ये चंद्र ग्रहण शाम 5.20 पर दिखना शुरू होगा और इसका समापन शाम 6.20 पर होगा. इसका सूतक 08 नवम्बर को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर लग जाएगा.
ये चंद्र ग्रहण ग्रहण उत्तरी पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर व हिन्द महासागर में दर्शनीय होगा । भारत में पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा, जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखेगा । कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, रांची और गुवाहाटी में पूर्ण चन्द्रग्रहण के दर्शन होंगे । चंद्र दर्शन के हिसाब से शाम 5: 20 से शाम 6:20 तक वास्तविक ग्रहण काल होगा. इस काल में प्रयास करें कि आप कोई आहार ग्रहण न करें. इस दौरान पूजा पाठ वर्जित है. गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से सावधानी बरतें, भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें. ग्रहण काल के समाप्त हो जाने के बाद सम्भव हो तो स्नान कर लें या हाथ पैर धोकर कुछ न कुछ चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें. चावल, चीनी, दूध, नारियल और चांदी का दान शुभ होगा ।चंद्रग्रहण के बाद पूजा स्थान की साफ-सफाई करें पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करते हुवे स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर अपने गुरु या शिव जी की उपासना पूजा करें फिर किसी निर्धन व्यक्ति को सफ़ेद वस्तु का दान करें यदि चंद्र ग्रहण में अशुभ परिणाम आपको दिखे तो ग्रहण काल में अधिक से अधिक भगवान शिव के मंत्र का जाप करें । चाहें तो चन्द्रमा के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. इससे मंत्र सिद्ध होगा और ज्यादा प्रभावशाली भी. ग्रहण के बाद सफेद वस्तु का दान करें ।
