निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा का रत्न मदर टेरेसा- शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि मदर टेरेसा मिशन आंफ चैरिटी के बच्चों के लिए आज मिष्ठान एवं फल वितरण किये गये।
कुष्ठ रोगियों और अनाथों की सेवा में अपनी जिंदगी समर्पित करने वाली मदर टेरेसा को 25 जनवरी, 1980 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। मदर टेरेसा ने जरूरतमंदों की मदद के लिए ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ नामक संस्था की स्थापना की थी।इस संस्था की दुनियाभर में शाखाएं हैं।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन ने कहा कि मदर टेरेसा भी ऐसे ही महान लोगों में एक हैं जो सिर्फ दूसरों के लिए जीते हैं। मदर टेरेसा ऐसा नाम है जिसका स्मरण होते ही हमारा ह्रदय श्रध्धा से भर उठता है और चेहरे पर एक ख़ास आभा उमड़ जाती है। मदर टेरेसा एक ऐसी महान आत्मा थीं जिनका ह्रदय संसार के तमाम दीन-दरिद्र, बीमार, असहाय और गरीबों के लिए धड़कता था और इसी कारण उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन उनके सेवा और भलाई में लगा दिया।
ग्लोबल ओनर यूनिवर्सिटी डायरेक्टर ऑफ़ एकेडमिक डॉ कंचन जैन ने कहा कि 7अक्टूबर 1950 को उन्हें वैटिकन से ‘मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी’ की स्थापना की अनुमति मिल गयी। इस संस्था का उद्देश्य भूखों, निर्वस्त्र, बेघर, लंगड़े-लूले, अंधों, चर्म रोग से ग्रसित और ऐसे लोगों की सहायता करना था जिनके लिए समाज में कोई जगह नहीं थी।
“मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी’ का आरम्भ मात्र 13 लोगों के साथ हुआ था पर मदर टेरेसा की मृत्यु के समय (1997) 4 हजार से भी ज्यादा ‘सिस्टर्स’ दुनियाभर में असहाय, बेसहारा, शरणार्थी, अंधे, बूढ़े, गरीब, बेघर, शराबी, एड्स के मरीज और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सेवा कर रही हैं।
शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ अंजू लता जी, सुनीता जी, विमला देवी, डॉ एच सी राजेंद्र कुमार जैन, इं आकाश कुमार जी, इं नितिन जी, संरक्षकआलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट आदि ने मदर टेरेसा के उन संदेशों को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि यदि हमारे बीच शांति की कमी है तो वह इसलिए क्योंकि हम भूल गए हैं कि हम एक दूसरे से संबंधित हैं।
यदि आप एक सौ लोगों को भोजन नहीं करा सकते हैं, तो कम से कम एक को ही करवाएं। उन्होंने कहा कि
सच्ची लगन और मेहनत से किया गया काम कभी असफल नहीं होता, यह कहावत मदर टेरेसा के साथ सच साबित हुई।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ
