बंदरों के आतंक को देखते हुए नगर निगम ने बनाई पकड़ने की योजना- शिवानी जैन एडवोकेट

ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने बताया कि नगर निगम की ओर से अभी तक कुत्तों को पकड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा था। कुत्तों को पकड़कर बंध्याकरण एवं एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाने और कुत्तों को उनके ही क्षेत्र में छोड़े जाने की जिम्मेदारी दक्ष फाउंडेशन के कर्मचारी एवं अधिकारी गण कर रहे हैं।अब नगर निगम ने बंदरों को पकड़ने की योजना बनाई है। क्योंकि शहर में कई स्थानों पर बंदरों का आतंक बढ़ गया है। वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया है। एवं बंदरों को पकड़कर वनों में छोड़ने के लिए वन विभाग से सहयोग भी मांगा गया हैं।
सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ अंजू लता जी ने कहा कि नगर निगम में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी राजेश वर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले वन विभाग को पत्र लिखा गया था। जवाब मिलने का इंतजार है। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि मथुरा से बंदर पकड़ने की टीम से बात की गई है। जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन स्थानों पर जहां पर बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बंदरों को पकड़ने का अभियान शीघ्र चलाया जाएगा। वन विभाग की स्वीकृति मिलते ही उनको सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक इं विपिन कुमार जैन एवं जीव दया के स०स० ने बताया कि पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए ₹600 शुल्क प्रतिवर्ष लिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह प्रस्ताव पास होते ही पालतू कुत्तों का पंजीकरण शुरू कर दिया जाएगा।
जीव दया पर उन्होंने कहा कि जीव दया परोपकार ही ऐसा माध्यम है जोकि आपके इस लोक को ही नहीं परलोक को भी सुधार सकता है। ग्लोबल ओनर यूनिवर्सिटी की निदेशक डॉ कंचन जैन,संरक्षक राकेश दक्ष एडवोकेट ,आलोक मित्तल एडवोकेट ,ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट हेमंत सिंह एडवोकेट, निर्देशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी,प्रशांत जैन, सुनील जैन, एवं जीव दया पशु पक्षी प्रेमीयों ने कहा कि जीव दया ही परम धर्म है।दयाभाव से पूर्ण व्यक्ति कभी किसी का अहित नहीं कर सकता है। किसी पर दया करना वो पुण्य है जो मनुष्य के कर्मों के रूप में गिना जाता है।

शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

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