मां सरस्वती शिक्षा समिति एवं श्री राम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टीट्यूट द्वारा पर्यावरण संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम
मां सरस्वती शिक्षा समिति एवं श्री राम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टीट्यूट द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जन को जागरूक किया गया।
“वृक्ष लगाओ जीवन बचाओ”
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृक्षारोपण जन आंदोलन को संबोधित करते हुए इसे व्यापक वृक्षारोपण आंदोलन बनाने के लिए वृक्षारोपण अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी के लिए लोगों को आमंत्रित किया है। 35 करोड़ (350 मिलियन) पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। राज्य ने हाल ही में प्लास्टिक के एकल उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश में वन और वृक्षों के आच्छादन के तहत राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का केवल 9.21 प्रतिशत है और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान वन और वृक्षों के आच्छादन के तहत क्षेत्र को बढ़ाने में मदद करते हैं। राज्य के वन विभाग ने अन्य सरकारी विभागों की सक्रिय भागीदारी और व्यापक जनभागीदारी से पिछले पांच वर्षों में लगभग 100 करोड़ पौधे लगाने का उल्लेखनीय कार्य किया है।
निदेशक, श्री राम अकाउंट्स एंड लां इंस्टीट्यूट डॉ नरेन्द्र चौधरी एडवोकेट ने बताया पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ‘पर्यावरण’ में जल, वायु और भूमि और जल, वायु, भूमि और मानव, अन्य जीवित प्राणियों, पौधों, सूक्ष्मजीवों और के बीच मौजूद अंतर-संबंध शामिल हैं।
तहसील प्रभारी, सार्क फाउंडेशन श्रीमती अंजू लता जी ने कहा पर्यावरण संरक्षण कानून मौजूद है। एक अच्छे तरह से विकसित ढांचे को लागू करने के लिए मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (स्टॉकहोम, 1972) के बाद ही आया। स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद, पर्यावरण संबंधी मुद्दों की देखभाल के लिए एक नियामक संस्था की स्थापना के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के भीतर 1972 में राष्ट्रीय पर्यावरण नीति और योजना परिषद की स्थापना की गई थी। यह परिषद बाद में एक पूर्ण पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) के रूप में विकसित हुई।
ब्लॉक ऑफिसर,All humans save and foundation एडवोकेट शिवानी जैन ने बताया कि भारत के संवैधानिक ढांचे और भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं में भी परिलक्षित होती है। भाग IVA (अनुच्छेद 51A-मौलिक कर्तव्य) के तहत संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक पर जंगलों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखने का कर्तव्य रखता है। इसके अलावा, भाग IV के तहत भारत का संविधान (अनुच्छेद 48A-राज्य नीतियों के निर्देशक सिद्धांत) यह निर्धारित करता है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और देश के वनों और वन्य जीवन की रक्षा करने का प्रयास करेगा।
जिला प्रचारक, टीम मोदी सपोर्टर एसोसिएशन इ० विपिन कुमार जैन, एडवोकेट राकेश दक्ष संरक्षक मां सरस्वती शिक्षा समिति, डॉ कंचन जैन उपाध्यक्ष मां सरस्वती शिक्षा समिति, एडवोकेट ज्ञानेंद्र चौधरी, एडवोकेट हरेंद्र सिंह चौहान, एडवोकेट संजीव सोलंकी ने बताया विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए एवं जन-जन से वृक्ष लगाने की अपील की।
